जून 2023
Ola Company, E-Scooter
AAB NEWS- मध्य प्रदेश के सागर शहर में एक अजीब वाकया देखने को मिल रहा है। यहाँ ola कंपनी की E-Scooter खरीदने की बाद एक वाहन मालिक, कंपनी से तकनीकी मदद नहीं मिलने से इतना ज्यादा परेशान हो गया की वह, अपनी E-Scooter के आगे व् पीछे पोस्टर लगा के घूमने लगा है जिस पर लाल रंग में  बड़े बड़े अक्षरों में लिखा है-"ले मत लेना"
 
यह घटना यह सोचने को मजबूर कर देती है कि जहां एक ओर सरकारें नागरिकों को पेट्रोल-डीजल ईंधन से चलने वाले वाहनों की जगह इलेक्ट्रिक वाहनों चुनने के लिए बढ़ावा दे रहीं हैं, उनकी खरीद पर अनुदान भी दे रही है। वहीं दूसरी ओर E-वाहन खरीद चुके लोग इलेक्ट्रिक वाहनों  की तकनिकी खामियों को दूर करने व  विक्रय बाद की सेवाओं देने में कंपनियों की ढील-ढाल से परेशान होकर अभी भी इलेक्ट्रिक वाहनों पर पूरी तरह भरोसा नहीं कर पा रहे हैं
 
जानकारी के मुताबिक सागर शहर के सिविल लाइन निवासी समीर मिश्र ने करीब छः माह पहले ola कम्पनी की एस १ pro मॉडल की इलेक्ट्रिक स्कूटर खरीदी । उस समय इस स्कूटर की कीमत करीब एक लाख 60 हज़ार रूपए थी। यह इलेक्ट्रिक स्कूटर लेकर शुरुआत में तो मिश्र जी काफी खुश रहे, लेकिन उनकी यह ख़ुशी ज्यादा दिन तक बरकरार नहीं रह सकी ।
 
ई -स्कूटर के मालिक के मुताबिक़  कुछ समय बाद ही उनकी स्कूटर की बॉडी से  खडखडाहट की आवाज आने लगी । उन्हें ऐसा लगने लगा कि जैसे गाड़ी अन्दर से खोखली हो। बात यहीं नहीं रुकी कुछ समय बाद उनकी स्कूटर के अगले पहिये का शॉक-अप खराब हो गया। कम्पनी से शिकायत की तो शॉक अप तो बदलकर आ गया लेकिन उसे के बदलवाने  की समस्या बनी रही क्योंकि शहर में कंपनी का कोई सेवा केंद्र  नहीं है और न ही वह कोई तकनीक मदद उपलब्ध करा पाई
 ola E-scooter के मालिक के मुताबिक कम्पनी ने स्कूटर के बेचने के समय ही ग्राहकों से after sales service के नाम पर 20 हज़ार से ज्यादा रूपए वसूल लिए थे लेकिन अब वह  यही सेवा दे नहीं पा रही है जिससे  ग्राहक परेशान हो रहे  हैं।
 इसके बाद कम्पनी की घटिया After Sales Services से परेशान ग्राहकों ने कंपनी के एप पर शिकायत कर सेवा के नाम पर ली गयी राशि वापस करने की मांग  रखी तो कंपनी ने कहा की सेवा नहीं मिलने के हालात में एप पर शिकायत करने की बाद एक पखवाड़े के अन्दर राशि वापस कर दी जाएगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ
 
 
 
 

New Food Trends

AAB NEWS/
कोविड  के भयावह दौर  के बाद अब घर से बाहर खाने-पीने  का चलन  एक बार  फिर जोर पकड़ चुका है। शहर के कमोबश सभी जाने-माने  रेस्तरां, चाट - चौपाटी स्थल शाम के वक्त चटपटा खाने पीने के शौकीनों से भरे नजर आने लगे है । सागर शहर में स्वाद के दीवानों के पसंदीदा स्थानों  के तौर पर सिविल लाइन्स और मकरोनिया काफी लोकप्रिय होते जा रहे हैं ।

रहे हाल ही में स्मार्ट  सिटी ने  सिविल लाइन में  चंद्रा पार्क के पास जो चौपाटी विकसित की है वर्तमान में युवाओं के सबसे पसंदीदा स्थल बनता जा रहा। हालांकि सिविल  लाइन्स  में कालीचरण चौराहा भी  खान पीन की दूसरे लोकप्रिय स्थल के रूप लेते जा रहें  हैं ।

सागर गैरे,  गुजराती स्वीट्स , राजस्थान स्वीट्स ,   कुछ ऐसे नाम है जो लोगों की जुबान पर चढ़ चुके है। इन संस्थानों  पर ख़ास कर शाम के वक्त युवाओं की   भारी भीड़ जुटने लगी है । चंदा पार्क चौपाटी भी चटपटा खाने वालों को खूब पसंद आ रही है ।

इसके अलावा  मकरोनिया मार्ग पर स्थित  क्राउन पैलेस होटल  में एक नए ही अंदाज में शुरू हुयी चाट-चौपाटी  भी काफी चर्चित  हो चली है। इस चौपाटी की शाही  कचौरी  और साफ़ -सफाई से परोसी जाने वाली फुलकियों का स्वाद भी शौकीनों को खूब रास आ रहा है ।  

मकरोनिया में  इंडियन कॉफी हाउस  भी विशाल माल, पेंटालून माल, ट्रेंड्स शो रूम जैसे व्यावसायिक प्रतिष्ठानों के  चलते मकरोनिया पहुँचने वाले खरीदारों को काफी लुभा रहा है । इनके दक्षिण भारतीय व्यंजन का स्वाद लोगों पसंद आ रहा है ।

इसके अलावा तिली इलाके में भी अटल पार्क के आस पास भी खान-पान का अच्छा केंद्र बनता जा रहा है ।मेडिकल कॉलेजसे नजदीक होने की कारण यहाँ की दुकानों को युवा ग्राहकी का खासा लाभ मिल रहा है ।

खान - पान के अन्य केन्द्रों के आकार लेने के बावजूद शहर का बड़ा बाज़ार क्षेत्र  खान-पान की अपनी समृध  परंपरा के लिए आज भी स्वाद प्रेमियों के बीच अपनी ख़ास जगह बनाये हुए है । समोसा, कचौरी, मालपुआ और शुध्ध घी में बनी मिठाई के मामले में  बड़ा बाज़ार का आज भी कोई मुकाबला नहीं है ।

लेकिन नए दौर की खान-पान  मुमोस, नूडल्स , बर्गर , हॉट डॉग  जैसे  खाद्य पदार्थों के शौकीनों को ज्यादातर सिविल लाइन्स , मकरोनिया और तिली का क्षेत्र ही ज्यादा  पसंद आता नजर आ रहा है ।

77 cabs, Taxi Service

 AAB NEWS / सागर शहर का बाज़ार अभी भी  ओला जैसी टैक्सी सेवाओं की लिए खाली पड़ा हुआ है । जबकि भोपाल जैसे महानगरों में ola,Rapido और 77 cabs जैसी कम्पनियां अपनी सेवाएँ दे रहीं हैं। इस से शहर के लोगों को अपनी सुविधा से व कम किराये में शहर के अंदर आवागमन करना आसान बना रहता है ।

शहर में दिख रहे पोस्टर  विज्ञापन के मुताबिक इस क्षेत्र में  77 cabs अपने कदम रख चुकी है । इस कंपनी की सेवाएँ लेने के लिए लोगों को गूगल प्ले स्टोर से 77 cabs का अप्प डाउनलोड करना पड़ेगा । एप के माध्यम से लोग अपनी जरूरत के हिसाब से पसंदीदा वहां यात्रा के लिए बुक करा सकते हैं । 

77 cabs के सागर बाज़ार में आने के बाद उम्मीद है जल्दी ola और rapido जैसे टैक्सी  सर्विस भी सागर में अपनी उपस्थिति दर्ज करा सकतीं हैं ।

Seasonal Care- चश्मे महज फैशन के प्रतीक नहीं  आँखों के रखवाले भी हैं

गर्मी के दिनों में सेहत का ख़ास ख्याल  रखना होता है। तेज धूप और चमक  से बचने के लिए आँखों पर चश्मा का रक्षा कवच  भी जरूरी होता है।खैर जिन लोगों को नजर का चश्मा लगा होता कुछ हद तक उनकी आँखों का बचाओ तो हो ही जाता है

लेकिन बाकी लोगों को तो अपनी आखों की सुरक्षा के लिए अलग से गहरे रंगों वाले चश्मे कम से कम गर्मी के दिनों में तो पहनना की सलाह डॉक्टर भी देते रहते हैं अब यह तो कोई कहने की बात है नहीं की चश्मे आपकी खूबसूरती बढ़ने में भी मदद करते हैं  


आज के दौर में चश्में इतने अधिक रूप -रंगों और खासियतों से भरे आने लगे हैं की वो आपकी कई तरह की जरूरतें तो पूरी करते ही हैं साथ ही सिर्फ आँखों की ही नहीं जिन्दगी की भी परवाह करते हैं । आपके मन में सवाल आ सकता है की आँखों की सुरक्षा की बात तो मान सकते हैं लेकिंन पूरी जिन्दगी की ख्याल रखने की बात जरा गले नहीं उतरती है

आप का सवाल सही है पर इसका जवाब भी आपके पास है

आपके सवाल का जवाब भी उस सवाल के जवाब में छुपा है जो अब हम आपसे पूछने वाले हैं

क्या आपको नहीं लगता की रात में जब आप अपनी बाइक या कार में परिवार के साथ सफ़र करते हैं या शहर में घूमने निकलते हैं उस समय गाड़ी ड्राइव करते वक्त दूसरे वाहनों की तेज लाइट्स में कभी -कभी आपकी आँखे बुरी तरह चौंधिया जाती हैं और ऐसे में वाहनों को खतरा भी रहता है

लेकिन इन हालातों में अगर आपकी आँखों पर लाइट्स की चमक कम कर देने वाला  चश्मा होता  है तो ऐसा खतरा बहुत हद तक कम हो जाता है । इसके  अलावा दिन के वक्त भी यही चश्मा आपकी आँखों को धूल और धूप से भी बचाता है

तो महज अपनी आँखों के सुरक्षा के लिए ही नहीं अपने सारे परिवार की खुशहाल जिन्दगी के लिए हम चश्मों को अगर अपना साथी बना लेते हैं तो कितना अच्छा होगा